अक्षरों का महत्व

Exercise : Solution of Questions on page Number : 38


प्रश्न  1: पाठ में ऐसा क्यों कहा गया है कि अक्षरों के साथ एक नए युग की शुरूआत हुई?
उत्तर   1: पाठ में ऐसा इसलिए कहा गया है; क्योंकि अक्षरों की खोज से पहले मानव सभ्यता का कोई लिखित इतिहास नहीं मिलता। परन्तु अक्षरों की खोज के पश्चात् मानव ने इतिहास को लिखना आरम्भ किया और मानव द्वारा अर्जित इन्हीं अक्षरों के ज्ञान ने मानव को प्रगति पथ पर बढ़ाने व उसे सभ्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन सब कारणों से अक्षरों के साथ एक नए युग की शुरूआत हुई; यह कहा गया है।


प्रश्न 2: अक्षरों की खोज का सिलसिला कब और कैसे शुरू हुआ? पाठ पढ़कर उत्तर लिखो।
उत्तर 2: अक्षरों की खोज करीब छह हज़ार साल पहले की मानी जाती है। इससे पहले मानव के पास अपने विचारों व भावों को व्यक्त करने का कोई साधन नहीं था; उन्होंने जानवरों, पक्षियों और मानवों के चित्रों द्वारा अपनी अभिव्यक्ति को प्रकट किया। धीरे-धीरे इन चित्र संकेंतों का स्थान भाव संकेतों ने ले लिया। इससे उन्होंने और अच्छी तरह अपने विचारों व भावों को मानव, सूर्य-चन्द्रमा व देवी देवताओं के रूप में दर्शाना आरम्भ किया और धीरे-धीरे अक्षर अस्तित्व में आए।


प्रश्न 3: अक्षरों के ज्ञान से पूर्व मनुष्य अपनी बात को दूर-दराज़ के इलाकों तक पहुँचाने के लिए किन- किन माध्यमों का सहारा लेता था ?
उत्तर 3: पहले मनुष्य अपनी बात को दूर-दराज़ के इलाको तक पहुँचाने के लिए पशु-पक्षियों, आदमियों, सूर्य तथा चंद्र आदि के चित्र बनाकर भाव संकेत का सहारा लेता था।


प्रश्न 4: ‘भाषा का विकास पहले हुआ, अक्षर और लिपि का बाद में। बोली गई भाषा को अक्षरों की मदद से लिखा जा सकता है। कई लोग ऐसे भी होते हैं जो अक्षर नहीं पहचानते, पर भाषा अच्छी तरह जानते हैं।’
ऊपर की पंक्तियों को ध्यान में रखते हुए भाषा और अक्षर के संबंधों के बारे में एक अनुच्छेद लिखो।
उत्तर 4: मनुष्य की उत्पत्ति के साथ ही भाषा का आरम्भ हुआ। आरम्भ में मनुष्य आदिमानव था, उसका मानसिक विकास नहीं हुआ था। वह अपनी बात को समझाने के लिए इशारों व ध्वनि संकेतों का सहारा लेता था। परन्तु जैसे-जैसे आदिमानव का मानसिक विकास होता गया उन संकेतों व ध्वनि संकेतों का भी विकास होता गया और वे विचारों को भली-भाँति व्यक्त करने में सक्षम हो गए। इसी तरह भाषा का विकास हुआ। इसके बाद मनुष्य अपने विचारों व अनुभवों को लिखकर व्यक्त करने के लिए प्रेरित होने लगा और उसने गुफ़ाओं व पत्थरों पर चित्र संकेतों द्वारा अपने विचारों को व्यक्त करना आरम्भ किया। अब वो देवी-देवताओं, सूर्य – चन्द्रमा के द्वारा और ज़्यादा सहज भाव से अपनी अभिव्यक्ति को अंकित करने लगा और इसी विकास के क्रम ने अक्षरों को जन्म दिया। इसी के साथ मनुष्य ने इतिहास को अक्षरों की सहायता से लिपिबद्ध करना आरम्भ किया। आज विश्व के हर कोने में अनेकों भाषायें बोली जाती हैं और उन्हें लिपिबद्ध किया जाता है। यदि मनुष्य ने भाषा की खोज नहीं की होती तो हमें आज अक्षरों का भी ज्ञान नहीं होता। ये दोनों एक दूसरे के पूरक हैं एक के बिना दूसरे का कोई अस्तित्व नहीं है। यदि मनुष्य को भाषाओं का ज्ञान है तो वो दूसरे मनुष्यों को अपनी बात समझा सकता है परन्तु अगर उसको अक्षरों का ज्ञान नहीं है तो वो अपने विचारों और अनुभवों को लिख नहीं सकता या फिर दूर बैठे अपने किसी सम्बन्धी को अपना समाचार भेज नहीं सकता, अपने अनुभवों को लिख नहीं सकता परन्तु अगर इसके विपरीत उसे अक्षरों का ज्ञान है तो वो भावों, विचारों को अच्छी तरह से व्यक्त कर सकता है। क्योंकि अक्षरों के इसी ज्ञान से हमें आज हमारे इतिहास के बारे में इतनी जानकारियाँ उपलब्ध है। आज किसी भी देश जाति, धर्म व जगह से सम्बन्धित जानकारियाँ हमें मनुष्य द्वारा लिपिबद्ध की गई पुस्तकों से प्राप्त होती है; अन्यथा अगर भाषा व अक्षरों का विकास न हुआ होता तो हमें इन महत्वपूर्ण जानकारियों से वंचित रहना पड़ता और हम अपने इतिहास के बारे में हमेशा अनभिज्ञ रहते। इसी भाषा और अक्षरों के ज्ञान ने मनुष्यों को सभी जीवों में श्रेष्ठ बनाया है।


Exercise : Solution of Questions on page Number : 39


प्रश्न 1: अनादि काल में रेखांकित शब्द का अर्थ है जिसकी कोई शुरुआत या आदि न हो। नीचे दिए गए शब्द भी मूल शब्द के शुरू में कुछ जोड़ने से बने हैं। इसे उपसर्ग कहते हैं। इन उपसर्गों को अलग करके लिखो और मूल शब्दों को लिखकर उनका अर्थ समझो—
असफल ………………….
अदृश्य ………………….
अनुचित …………………
अनावश्यक ………………….
अपरिचित ………………….
अनिच्छा ………………….
(क) अब बताओ कि ये उपसर्ग जिन शब्दों के साथ जुड़ रहे हैं क्या उनमें कोई अंतर है?
(ख) उपर्युक्त शब्दों से वाक्य बनाओ और समझो कि ये संज्ञा हैं या विशेषण। वैसे तो संख्याएँ संज्ञा होती हैं पर कभी-कभी ये विशेषण का काम भी करती हैं, जैसे- नीचे लिखे वाक्य में
हमारी धरती लगभग पाँच अरब साल पुरानी है।
कोई दस हजार साल पहले आदमी ने गाँवों को बसाना शुरू किया।
इन वाक्यों में रेखांकित अंश ‘साल’ संज्ञा के बारे में विशेष जानकारी दे रहे हैं, इसलिए संख्यावाचक विशेषण हैं। संख्यावाचक विशेषण का इस्तेमाल उन्हीं चीज़ों के लिए होता है जिन्हें गिना जा सके। जैसे – चार संतरे, पाँच बच्चे, तीन शहर आदि। पर यदि किसी चीज़ को गिना नहीं जा सकता तो उसके साथ संख्या वाले शब्दों के अलावा माप-तौल आदि के शब्दों का इस्तेमाल भी किया जाता है—
• तीन जग पानी
•एक किलो जीरा
यहा रेखांकित हिस्से परिमाणवाचक विशेषण हैं क्योंकि इनका संबंध माप-तौल से है। अब नीचे लिखे हुए को पढ़ो। खाली स्थानों में बॉक्स में दिए गए माप-तौल के उचित शब्द छाँटकर लिखो।
प्याला कटोरी एकड़ मीटर
लीटर किलो ट्रक चम्मच
तीन …………….. खीर         दो ………………  ज़मीन
छह………………कपड़ा      एक ………………रेत
दो……………… कॉफ़ी        पाँच ……………… बाजरा
एक………………दूध          तीन ……………… तेल
उत्तर 1: (क) हाँ उनके अर्थो में अंतर आ जाता है। अ उप्सर्ग लगा देने से प्राय: शब्दों के अर्थ विपरीत हो जाते हैं। जैसे-
असफल         :   सफल
अनुचित         :  उचित
अपरिचित      :   परिचित
अदृश्य          :   दृश्य
अनावश्यक    : आवश्यक
अनिच्छा      :   इच्छा
(ख)
(1) तीन कटोरी खीर
(2) छह मीटर कपड़ा
(3) दो प्याला कॉफ़ी
(4 एक लीटर दूध
(5) दो एकड़ ज़मीन
(6) एक ट्रक रेत
(7) पाँच किलो बाजरा
(8) तीन चम्मच तेल