Home » class 6 Sanskrit » NCERT Solutions for Class 6 Roochira Part 01 Sanskrit Chapter 10 – Krshiikaah karmaveeraah

NCERT Solutions for Class 6 Roochira Part 01 Sanskrit Chapter 10 – Krshiikaah karmaveeraah

कृषिकाः कर्मवीराः
Exercise : Solution of Questions on page Number : 59


प्रश्न 1:

उच्चारणं कुरुत-

सूर्यस्तपतु   जीर्णम् शीतकालेऽपि
वारयितुम् ग्रीष्मे  सस्यपूर्णानि
पदत्राणे कण्टकावृता.    क्षुधा-तृषाकुलौ

उत्तर 1: विद्यार्थी इसे स्वयं पढ़ें।


Exercise : Solution of Questions on page Number : 60


प्रश्न 2:

श्लोकांशान् योजयत-

   ख
गृहं जीर्णं न वर्षासु तौ तु क्षेत्राणि कर्षतः।
हलेन च कुदालेन या शुष्का कण्टकावृता।
पादयोर्न पदत्राणे सस्यपूर्णानि सर्वदा।
तयोः श्रमेण क्षेत्राणि शरीरे वसनानि नो।
धरित्री सरसा जाता वृष्टिं वारयितुं क्षमम्।

उत्तर 2:

   ख
गृहं जीर्णं न वर्षासु वृष्टिं वारयितुं क्षमम्।
हलेन च कुदालेन तौ तु क्षेत्राणि कर्षतः।
पादयोर्न पदत्राणे शरीरे वसनानि नो।
तयोः श्रमेण क्षेत्राणि सस्यपूर्णानि सर्वदा।
धरित्री सरसा जाता या शुष्का कण्टकावृता।

प्रश्न 3:

उपयुक्तकथनानां समक्षम् ‘आम्’ अनुपयुक्तकथनानां समक्षं ‘न’ इति लिखत-

यथा- कृषकाः शीतकालेऽपि कर्मठाः भवन्ति।  आम्
कृषकाः हलेन क्षेत्राणि न कर्षन्ति।   न
(क) कृषकाः सर्वेभ्यः अन्नं यच्छन्ति। …………
(ख) कृषकाणां जीवनं कष्टप्रदं न भवति। …………
(ग) कृषकः क्षेत्राणि सस्यपूर्णानि करोति। …………
(घ) शीते शरीरे कम्पनं न भवति। …………
(ङ) श्रमेण धरित्री सरसा भवति। …………

उत्तर 3:

यथा- कृषकाः शीतकालेऽपि कर्मठाः भवन्ति।  आम्
कृषकाः हलेन क्षेत्राणि न कर्षन्ति।   न
(क) कृषकाः सर्वेभ्यः अन्नं यच्छन्ति।  आम्
(ख) कृषकाणां जीवनं कष्टप्रदं न भवति।   न
(ग) कृषकः क्षेत्राणि सस्यपूर्णानि करोति।  आम्
(घ) शीते शरीरे कम्पनं न भवति।   न
(ङ) श्रमेण धरित्री सरसा भवति।  आम्

Exercise : Solution of Questions on page Number : 61


प्रश्न 4:

मञ्जूषातः पर्यायवाचिपदानि चित्वा लिखत-

रविः वस्त्राणि जर्जरम् अधिकम् पृथ्वी पिपासा

वसनानि        ………………………

सूर्य              ………………………

तृषा             ………………………

विपुलम्         ………………………

जीर्णम्          ………………………

धरित्री         ………………………

उत्तर 4:

वसनानि          वस्त्राणि

सूर्य                रविः

तृषा               पिपासा

विपुलम्          अधिकम्

जीर्णम्            जर्जरम्

धरित्री           पृथ्वी


प्रश्न 5:

मञ्जूषातः विलोमपदानि चित्वा लिखत-

धनिकम्      नीरसा       अक्षमम्      दुःखम्        शीते            पार्श्वे

सुखम्             …………

दूरे                 …………

निर्धनम्          ………….

क्षमम्              …………

ग्रीष्मे             …………

सरसा              ………..

उत्तर 5:

सुखम्            दुःखम्

दूरे                पार्श्वे

निर्धनम्          धनिकम्

क्षमम्             अक्षमम्

ग्रीष्मे            शीते

सरसा            नीरसा


Exercise : Solution of Questions on page Number : 62


प्रश्न 6:

प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत-

(क) कृषकाः केन क्षेत्राणि कर्षन्ति ?

(ख) केषां कर्मवीरत्वं न नश्यति ?

(ग) श्रमेण का सरसा भवति ?

(घ) कृषकाः सर्वेभ्यः किं किं यच्छन्ति ?

(ङ) कृषकात् दूरे किं तिष्ठति ?

उत्तर 6:

(क) कृषकाः हलेन कुदालेन च क्षेत्राणि कर्षन्ति।

(ख) कृषिकाणां कर्मवीरत्वं न नश्यति।

(ग) श्रमेण धारित्री सरसा भवति।

(घ) कृषकाः सर्वेभ्यः शाकम्, अन्नम्, दुग्धम् च यच्छन्ति।

(ङ) कृषकात् दूरे सुखम् तिष्ठति।


error: