अहह आः च

Exercise : Solution of Questions on page Number : 80


प्रश्न 1:

अधोलिखितानां पदानां समुचितान् अर्थान् मेलयत-

क                                ख
हस्ते                         अकस्मात्
सद्यः                         पृथ्वीम्
सहसा                       गगनम्
धनम्                         शीघ्रम्
आकाशम्                    करे
धराम्                         द्रविणम्

उत्तर 1:

क                          ख
हस्ते                    करे
सद्यः                    शीघ्रम्
सहसा                  अकस्मात्
धनम्                    द्रविणम्
आकाशम्              गगनम्
धराम्                    पृथ्वीम्

 


प्रश्न 2:

मञ्जूषातः उचितं विलोमपदं चित्वा लिखत-

प्रविशति    सेवकः   मूर्खः   नेतुम्     नीचैः    दुःखितः

(क) चतुरः                ………………..

(ख) आनेतुम्             ………………..

(ग) निर्गच्छति           ………………..

(घ) स्वामी                ………………..

(ङ) प्रसन्नः            ………………..

(च) उच्चैः                ……………….

उत्तर 2:

(क) चतुरः              मूर्खः

(ख) आनेतुम्           नेतुम्

(ग) निर्गच्छति         प्रविशति

(घ) स्वामी              सेवकः

(ङ) प्रसन्नः          दुःखितः

(च) उच्चैः              नीचैः


Exercise : Solution of Questions on page Number : 81


प्रश्न 3:

मञ्जूषातः उचितम् अव्ययपदं चित्वा रिक्तस्थनानि पूरयत-

इव अपि एव च उच्चैः

(क) बालकाः बालिकाः ………………. क्रीडाक्षेत्रे क्रीडन्ति।

(ख) मेघाः ……………….. गर्जन्ति।

(ग) बकः हंसः ……………….. श्वेतः भवति।

(घ) सत्यम् ……………….. जयते।

(ङ) अहं पठामि, त्वम् ……………….. पठ।

उत्तर 3:

(क) बालकाः बालिकाः क्रीडाक्षेत्रे क्रीडन्ति।

(ख) मेघाः उच्चै गर्जन्ति।

(ग) बकः हंसः इव श्वेतः भवति।

(घ) सत्यम् एव जयते।

(ङ) अहं पठामि, त्वम् अपि पठ।


प्रश्न 4:

अधोलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत-

(क) अजीजः गृहं गन्तुं किं वाञ्छति?

(ख) स्वामी मूर्खः आसीत् चतुरः वा?

(ग) अजीजः कां व्यथां श्रावयति?

(घ) अन्या मक्षिका कुत्र दशाति?

(ङ) स्वामी अजीजाय किं दातुं न इच्छति?

उत्तर 4:

(क) अजीजः गृहं गन्तुं अवकाशं वाञ्छति।

(ख) स्वामी चतुरः आसीत्।

(ग) अजीजः वृद्धाम् व्यथां श्रावयति।

(घ) अन्या मक्षिका ललाटे दशाति।

(ङ) स्वामी अजीजाय धनम् दातुं न इच्छति।


Exercise : Solution of Questions on page Number : 82


प्रश्न 5:

निर्देशानुसारं लकारपरिवर्तनं कुरुत-

यथा- अजीजः परिश्रमी आसीत्। (लट्लकारे) अजीजः पश्रिमी अस्ति।

(क) अहं शिक्षकाय धनं ददामि। (लृट्लकारे)               ……………………………..

(ख) परिश्रमी जनः धनं प्राप्स्यति। (लट्लकारे)         ……………………………..

(ग) स्वामी उच्चैः वदति। (लृङ्लकारे)                      ……………………………..

(घ) अजीजः पेटिकां गृह्णाति। (लृट्लकारे)                   ……………………………..

(ङ) त्वम् उच्चैः पठसि। (लोट्लकारे)                       ……………………………..

उत्तर 5:

यथा- अजीजः परिश्रमी आसीत्। (लट्लकारे)           अजीजः पश्रिमी अस्ति।

(क) अहं शिक्षकाय धनं ददामि। (लृट्लकारे)            अहं शिक्षकाय धनं दास्यामि।

(ख) परिश्रमी जनः धनं प्राप्स्यति। (लट्लकारे)        परिश्रमी जनः धनं प्राप्यति।

(ग) स्वामी उच्चैः वदति। (लृङ्लकारे)                     स्वामी उच्चै अवदत्।

(घ) अजीजः पेटिकां गृह्णाति। (लृट्लकारे)                अजीजः पेटिकां गृहश्यति।

(ङ) त्वम् उच्चैः पठसि। (लोट्लकारे)                       त्वम् उच्चै पठ।


प्रश्न 6:

अधोलिखितानां वाक्यानि घटनाक्रमानुसारं लिखत।

(क) स्वामी अजीजाय अवकाशस्य पूर्णं धनं ददाति।

(ख) अजीजः सरलः परिश्रमी च आसीत्।

(ग) अजीजः पेटिकाम् आनयति।

(घ) एकदा सः गृहं गन्तुम् अवकाशं वाञ्छति।

(ङ) पीडितः स्वामी अत्युच्चैः चीत्करोति।

(च) मक्षिके स्वामिनं दशतः।

उत्तर 6:

(क) अजीजः सरलः परिश्रमी च आसीत्।

(ख) एकदा सः गृहं गन्तुम् अवकाशं वाञ्छति।

(ग) अजीजः पेटिकाम् आनयति।

(घ) मक्षिके स्वामिनं दशतः।

(ङ) पीडितः स्वामी अत्युच्चैः चीत्करोति।

(च) स्वामी अजीजाय अवकाशस्य पूर्णं धनं ददाति।