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NCERT Solutions for Class 8 Roochira Part 03 Sanskrit Chapter 06 – Premalas premalaarthee katha (upasarg pratyayah)

NCERT Solutions for Class 8 Sanskrit Chapter 6 – प्रेमलस्य प्रेमल्याश्च कथा (उपसर्ग प्रत्ययश्च)

Exercise : Solution of Questions on page Number : 40


प्रश्न 1:

एकपदेन उत्तरत-
(क) प्रेमल: कथं श्रान्त: आसीत्‌?
(ख) प्रेमल: कदा गृहम्‌ आगच्छत्‌?
(ग) प्रेमल: कानि प्राज्वालयत्‌?
(घ) चुल्लीं प्रज्वालयितुं प्रेमल: किं कृतवान्‌?
(ङ) प्रेमली कस्य पत्नी आसीत्‌?

 उत्तर 1:

(क) काष्ठच्छेदेन्।
(ख) सायं काले।
(ग) काष्ठानि
(घ) फूत्कारम्
(ङ) प्रेमलस्य।


प्रश्न 2:
अधोलिखितेषु पदेषु उपसर्गं चित्वा पृथक् कुरुत-
यथा-अपगमिष्याति
=   अप
+      गमिष्यति
अवतारय
=   ——
  +    ——
प्रज्ज्वाल्य
=   ——
  +    ——
प्रहार:
=   ——
  +    ——
पराजय:
=   ——
  +    ——
उपहार:
=   ——
  +    ——

उत्तर 2:

यथा-अपगमिष्याति =   अप +   गमिष्यति
अवतारय =   अव अतारय्
प्रज्ज्वाल्य =   प्र ज्ज्वालय
प्रहार: =   प्र +  हार:
पराजय: परा +   जय:
उपहार: =  उप +   हार:

प्रश्न 3:

  अधोलिखितेषु पदेषु उदाहरणानुसारेण धातुं प्रत्ययं च पृथक् कुरुत-

  पदानि       धातु: प्रत्यय:
(क) यथा- गत्वा   =  गम्‌      +    क्त्वा
कृत्वा                  = ………  + ………
भृत्वा                   = ………  + ………
स्नात्वा               = ………  + ………
(ख) यथा – पठितुम्‌ = पठ्        + तुमुन्‌
कर्तुम्‌                          = ………   + …..
खादितुम्‌                      = ………   + ………
द्रष्टुम्‌                        = ………   + ………
पदानि  = उपसर्ग:  + धातु:   प्रत्यय:
(ग) यथा- आनीय  = आ        + नी ल्यप्‌
आगत्य                 = ……… + ……… ………
निधाय                  = ……… + ……… ………
आदाय                  = ……… + ……… ………
संस्पृश्य                 = ……… + ……… ………

 

 

उत्तर 3:

पदानि   धातु: प्रत्यय:
(क) यथा- गत्वा   =  गम्‌      + क्त्वा
कृत्वा                  =   कृ     + क्त्वा.
भृत्वा                   = भृ       + क्त्वा
स्नात्वा               = स्ना   + क्त्वा
(ख) यथा – पठितुम्‌ = पठ्    + तुमुन्‌
कर्तुम्‌               = कृ    + तुमुन्‌
खादितुम्‌         = खाद  + तुमुन्‌
द्रष्टुम्‌           = दृश    + तुमुन्‌
पदानि  = उपसर्ग:  + धातु:   प्रत्यय:
(ग) यथा- आनीय  = आ        + नी ल्यप्‌
आगत्य                 = आ       +  गम्  ल्यप्‌
निधाय                  = नि       +   धा  ल्यप्‌
आदाय                  = आ     +   दा  ल्यप्‌
संस्पृश्य                 = सम्    +    स्पृश  ल्यप्‌

 


Exercise : Solution of Questions on page Number : 41


प्रश्न 4:
मञ्जूषात: समानार्थकपदानि चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत-
निकटे, अधुना, कथयति, ददासि, हस्तेन, संस्थाप्य, पुष्पम्‌, तनु:
करेण           = ——————–
कुसुमम्‌        =——————–
यच्छसि       = ——————–
स्थापयित्वा   = ——————–
वदति          = ——————–
साम्प्रतम्‌    = ——————–
शरीरम्‌        = ——————–
पार्श्वे         =  ——————–

उत्तर 4:

करेण = हस्तेन
कुसुमम्‌ = पुष्पम्‌
यच्छसि = ददासि
स्थापयित्वा = संस्थाप्य
वदति=  कथयत
साम्प्रतम्‌= अधुना
शरीरम्‌ = तनु:
पार्श्वे = निकटे


Exercise : Solution of Questions on page Number : 42


प्रश्न 5:
निर्देशानुसारं उपसर्गं क्रियापदं च पृथक कुरुत-
यथा – प्राचलत्‌ = प्र             +           अचलत्‌
निरदिशत्‌    =  ——————– +  ——————–
आगच्छत्‌   =  ——————–  +  ——————–
अवातारयत्‌ =  ——————–  +  ——————–
पराभवत्‌    =  ——————–  +  ——————–
प्राक्षालयत्‌  = ——————– + ——————–

उत्तर 5:

यथा – प्राचलत्‌ = प्र + अचलत्‌
निरदिशत्‌     =     निर् + अदिशत्
आगच्छत्‌    =    + अगच्छत्
अवातारयत्‌   =    अव् + अतारयत्
पराभवत्‌      =     परा + अभवत्
प्राक्षालयत्‌  =   प्र + अक्षालयत्


प्रश्न 6: अधोलिखितानि वाक्यानि घटनाक्रमानुसारं लिखत-

(क) स: हण्डीमवातारयत्‌।
(ख) स: चुल्लीमज्वालयत्‌।
(ग) स: हण्डीं स्नानगृहे अस्थापयत्‌।
(घ) स: घटे जलमभरत्‌।
(ङ) प्रेमल: गृहमागच्छत्‌।
(च) स: जलमुष्णमकरोत्‌।
(छ) स: भोजनमकरोत्‌।
(ज) स: स्नानमकरोत्‌।

उत्तर 6:एतानि उपयुक्त क्रम निम्न सन्ति-

(क) प्रेमल: गृहमागच्छत्‌।
(ख) स: घटे जलमभरत्‌।
(ग) स: चुल्लीमज्वालयत्‌।
(घ) स: जलमुष्णमकरोत्‌।
(ङ) स: हण्डीमवातारयत्‌।
(च) स: हण्डीं स्नानगृहे अस्थापयत्‌।
(छ) स: स्नानमकरोत्‌।
(ज) स: भोजनमकरोत्‌।


प्रश्न 7:

अधोलिखितानां तद्भवपदानां तत्समपदानि चिनुत-

काठ ——————–
हाँडी ——————–
चूल्हा——————–
कूआँ  ——————–
फूँकना——————–

उत्तर 7:

काठ              काष्ठ
हाँडी              हण्डी
चूल्हा             चूल्ली
कूआँ             कूप:
फूँकना          फूत्कारम्


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