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NCERT Solutions for Class 7 Roochira Part 02 Sanskrit Chapter 15 – Laalanageetam

NCERT Solutions for Class 7 Roochira Part 02 Sanskrit Chapter 15 – लालनगीतम्

Exercise : Solution of Questions on page Number : 83


प्रश्न 1: गीतं सस्वरं गायत।

उत्तर 1:दिए गए गीत को स्वर में गाइए।


प्रश्न 2: एकपदेन उत्तरत-

(क) का विहसति?
(ख) किम् विकसति?
(ग) व्याघ्रः कुत्र गर्जति?
(घ) हरिणः किं खादति?
(ङ) मन्दं कः गच्छति?

उत्तर 2:

(क) धरणी विहसति।
(ख) कमलम् विकसति।
(ग) व्याघ्रः विपिने गर्जति।
(घ) हरिणः नवघासम् खादति।
(ङ) मन्दं उष्ट्रः गच्छति।


प्रश्न 3: रेखाङ्कितपदानि आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत-

(क) सलिले नौका सेलति।
(ख) पुष्पेषु चित्रपतङ्गाः डयन्ते।
(ग) उष्ट्रः पृष्ठे भारं वहति।
(घ) धावनसमये अश्वः किमपि न खादति।
(ङ) सूर्ये उदिते धऱणी विहसति।
उत्तर 3:
(क) सलिले का सेलति?
(ख) कुतः चित्रपतङ्गाः डयन्ते?
(ग) कः पृष्ठे भारं वहति?
(घ) कदा अश्वः किमपि न खादति?
(ङ) कः उदिते धऱणी विहसति?


प्रश्न 4: मञ्जूषातः समानार्थकपदानि चित्वा लिखत-

पृथिवी    देवालये        जले    वने     मृगः    भयङ्करम्

धरणी       …………… विपिने   ……………………
करालम्    …………..  हरिणः    ………………….
सलिले     ……………  मन्दिरे   …………………..
उत्तर 4:
धरणी   पृथिवी   विपिने   वने
करालम्   भयङ्करम्   हरिणः  मृगः
सलिले   जले   मन्दिरे   देवालये


Exercise : Solution of Questions on page Number : 84


प्रश्न 5: विलोमपदानि मेलयत-
मन्दम्             नूतनम्
नीचैः             स्निग्धम्
कठोरः            पर्याप्तम्
पुरातनम्          उच्चैः
अपर्याप्तम्         क्षिप्रम्

उत्तर 5:
मन्दम्             क्षिप्रम्
नीचैः             उच्चैः
कठोरः            स्निग्धम्
पुरातनम्          नूतनम्
अपर्याप्तम्         पर्याप्तम्


प्रश्न 6:
उचितकथनानां समक्षम् ‘आम्’, अनुचितकथनानां समक्षं ‘न’ इति लिखत-

(क) धावनसमये अश्वः खादति। ….
(ख) उष्ट्रः पृष्ठे भारं न वहति। ….
(ग) सिंहः नीचैः क्रोशति। ….
(घ) पुष्पेषु चित्रपतङ्गाः डयन्ते। ….
(ङ) वने व्याघ्रः गर्जति। ….
(च) हरिणः नवघासम् न खादति। ….

उत्तर 6:

(क) धावनसमये अश्वः खादति।
(ख) उष्ट्रः पृष्ठे भारं न वहति।
(ग) सिंहः नीचैः क्रोशति।
(घ) पुष्पेषु चित्रपतङ्गाः डयन्ते। आम्
(ङ) वने व्याघ्रः गर्जति। आम्
(च) हरिणः नवघासम् न खादति।

प्रश्न 7: अधोलिखितानि पदानि निर्देशानुसारं परिवर्तयत-

यथा- चित्रपतङ्गः (प्रथमा-बहुवचने) चित्रपतङ्गाः
भल्लुकः (तृतीया-एकवचने) ……
उष्ट्रः (पञ्चमी-द्विवचने) ……
हरिणः (सप्तमी-बहुवचने) ……
व्याघ्रः (द्वितीया-एकवचने) ……
घोटकराजः (सम्बोधन एकवचने) ……

उत्तर 7:

भल्लुकः (तृतीया-एकवचने) भल्लुकेन्
उष्ट्रः (पञ्चमी-द्विवचने) उष्ट्रभ्याम्
हरिणः (सप्तमी-बहुवचने) हरिणेणु
व्याघ्रः (द्वितीया-एकवचने) व्याघ्रम्
घोटकराजः (सम्बोधन एकवचने) हे घोटकराज

प्रश्न 8: चित्रं दृष्ट्वा मञ्जूषात पदानि च प्रयुज्य वाक्यानि रचयत्−


खगा: विकसन्ति कमलानि उदेति क्रीडन्ति डयन्ते सुर्य: चित्रपतङ्गा: कूजन्ति बालाः

उत्तर 8:
(क) सूर्य: उदेति।
(ख) खगा: कूजन्ति।
(ग) बाला: क्रीडन्ति।
(घ) कमलानि विकसन्ति।
(ङ) चित्रपतङ्गा: डयन्ते।


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